सोमवार, 4 मई 2020

इंसानी जज्बा |

सितारों में तलाशूँ तो जिंदगी वहीं नजर आती है |
बहारो को देखूँ तो साँसे वहीं सुकून पाती हैं ||
हैरत नहीं मुझे कि आसमां में भी आशियाना हो सकता है |
ये जूनून हैं जनाब खाबों का भी जिन्दा वजूद हो सकता है ||
बेचैनी जब होती है दिल में तो वजूद खुदा का भी हिल जाता है |
सच मानो मुसाफिर है गर सच्चा तो आसमां भी पैरों तले आ जाता है ||

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