फूल जैसे दिल मे लोग कांटे कैसे बसा लेते है | ठोंकर देने वास्ते नाजुक दिल को भी पत्थर बना लेते है ||
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बुधवार, 19 जून 2019
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विक्षुब्ध ह्रदय संताप प्रभा का बयां करू या कष्ट फूलो का स्फुटित करू | है कालचक्र का ये कैसा पग घनघोर प्रलय को कैसे कहूँ | उदीप्त रह...