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हर नारी दुर्गा नही और हर पुरुष राम नही ।
सूपर्णखा और रावण भी है हर कोई भगवान नही ।।
ऐ खुदा उनकी जिंदगी में भी बहार ला दे ।
जिनको वो चाहते हों उनसे उन्हे मिला दे ।।
मायूस लगते हैं वो जब जमाने की चमक देखते हैं ।
करके कुछ करिश्मा उनकी खुशियां उन्हे नसीब करा दे ।।
नजरें मिली, नजारें मिले खुश हुआ चलो उनको चाहने वाले मिलें लेकिन इस मुस्कुराते चेहरे को अब किस बात के शिकवे गिले हुए ।।
हर कोई तलाश रहा था दौलत, कोई दौलतमंद ना मिला ।
एक फकीर को छोड़कर तेरी दुनिया में कोई अमीर ना मिला ।।